Saturday 14 May 2022

आईएएस पूजा सिंघलः भ्रष्ट थी या फिर बनाई गई

भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2000 बैच की अधिकारी पूजा सिंघल 21 साल की आयु में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. सबसे कम उम्र में परीक्षा पास करने वाली बनी और रिकॉर्ड बनाई, जो अब तक टूटा नहीं है. प्राइमरी शिक्षा से टॉपर रही पूजा सिंघल यूपीएससी परीक्षा पास की तो झारखंड कैडर मिला. झारखंड के हजारीबाग जिले में सदर अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में सेवा की शुरुआत की. शुरुआती दिनों में कई महत्वपूर्ण काम की, जिससे ईमानदार और करक अधिकारी के रूप में चर्चित हुई. लेकिन वहीं ईमानदार और करक अधिकारी आज भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार है. अब सवाल है कि पूजा सिंघल भ्रष्ट थी या फिर कार्यपालिका और विधायिका की भ्रष्ट सिस्टम ने भ्रष्ट बना दिया. यह भी जांच का विषय है, जो होगा नहीं.

फाइल फोटो


      हजारीबाज से सेवा की शुरुआत करने वाली पूजा सिंघल अपने काम की वजह से हमेशा सुर्खियों में रही. अनुमंडल पदाधिकारी के बाद शिक्षा परियोजना में जिम्मेदारी संभाली, तब बच्चों को दी जाने वाली किताबों में बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म की. इस भ्रष्टाचार को खत्म करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया. पूजा सिंघल की वजह से ही पहली बार झारखंड में दिव्यांगों का सर्वे हुआ. इसके बाद झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में निदेशक प्रशासन के तौर पर काम की. रिम्स में भी सराहनीय कार्य की, जिसकी चर्चा लोग आज भी करते हैं. इसके बाद जिलों का कमान संभालते ही भ्रष्टाचार का आरोप लगने लगा.

       2006 में निर्दलीय विधायक मधु कोडा के नेतृत्व में झारखंड की सरकार बनी, जो भ्रष्ट सरकार के रूप में जानी जाती है. साल 2007 में मधु कोडा शासनकाल में पूजा सिंघल को मुख्यालय से खूंटी उपायुक्त यानी डीएम बनाकर भेजा गया. पदभार संभालने के कुछ ही महीनों में उनका विवादों से नाता जुड़ने लगा. खूंटी में उपायुक्त रहते उनपर मनरेगा योजना में 16 करोड़ रुपये का वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा. इस मामले में इंजिनियरों से सांठगांठ का भी आरोप है.

फाइल फोटो


     खूंटी में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा तो चतरा उपायुक्त बनाकर भेज दिया. चतरा में एक एनजीओ को नियम विरुद्ध तरीके से छह करोड़ रुपये देने का आरोप लगा. इस मामले को एक विधायक ने विधानसभा में उठाया. इसके बाद विधानसभा की कमेटी ने जांच की. जांच प्रक्रिया चलती रही. रघुवर दास की सरकार बनी तो पूजा सिंघल पर लगे सभी आरोप बेदुनियान निकलें और क्लीनचीट देते हुए प्रमोट किया गया. अब आप सुधी पाठक समझिए कि भ्रष्ट तंत्र कैसे विकसित होता है.


    पूजा सिंघल क्लीन से भ्रष्ट तब हुई, जब उनके सीए सुमन के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा और 19.31 करोड़ रुपये बरामद किए. रुपये बरामद होते ही पहले से उथल-पुथल हेमंत सरकार में खलबली मच गई. बीजेपी हमलावर हो गई और गिरफ्त में आ गई आईएएस पूजा सिंघल. ईडी ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और सीए से पूछताछ की. एक दिन की पूछताछ के बाद पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया. आईएएस पूजा सिंघल एक रात जेल में बिताई और अब ईडी ने पांच दिनों के रिमांड पर लेकर पूजा सिंघल और सीए सुमन से लगातार पूछताछ कर रही है.


   सवाल यह है कि पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार का आरोप साल 2007-08 में लगा. साल 2007 से 2022 तक राज्य और केंद्र में भी सरकारे बदली और बनी. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपी पूजा सिंघल पर कार्रवाई नहीं हुई. इस भ्रष्टाचार को लोकतंत्र के मंदिर में बैठे कार्यपालिका और विधायिका के जिम्मेदार लोग इतने दिनों तक छुपा पर क्यों रखे. क्योंकि हम भ्रष्टम के भ्रष्ट हमारे.... बाकी आप खूद समझदार हैं.

आईएएस पूजा सिंघलः भ्रष्ट थी या फिर बनाई गई

भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2000 बैच की अधिकारी पूजा सिंघल 21 साल की आयु में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. सबसे कम उम्र में परीक्षा पास करने वाली...